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रक्षा बंधन

नमन मंच
विषय : रक्षा बंधन 
दिनांक :22-08-2021

आया रक्षा बंधन का त्यौहार,
संग नई उमंग लाया अपार।
सुनी कलाइयों पर अपने भाइयों की,
सजाती राखियाँ बहनें आशीष-स्नेह सब वारकर।।

पावन पर्व की धूम है चारों ओर,
पुलकित है भाई-बहनों का प्यार।
कामना करें लंबी उम्र हो भाइयों की,
बहनें कच्चे धागें के बंधन में बांधकर।।

बहनें राह ताकती रख उपवास,
आतुरता से करती दिनभर इंतजार।
कर्तव्य-निष्ठा का यह पावन पर्व,
हर्षित करे उनको राखी मिलन पर।।

भाइयों का आर्शीवाद है मानो,
रक्षा कवच है अपनी बहनों का।
मनपसन्द उपहार पाने का आज ,
सुअवसर अधिकार है बहनों का।।

डटें है जो सीमाओं पर,
घर से दूर है जो त्यौहारों पर। 
उदास तो उनका मन भी होता है, 
हौंसला उनका बढ़े बस यही कामना है।।

इतिहास में अनेकों उदाहरण दर्ज है,
राखी का मान सब भाइयों ने रखा है।
अटूट प्रेम-विश्वास का यह पावन पर्व,
हमारी संस्कृति संस्कार का अहम हिस्सा है।।

मायूसी थोड़ी उनको होती है,
मात-पिता की जो संतान अकेली है।
कहने को तो बहुत रिश्ते बन जाते हैं मगर,
त्यौहार के दिन उनको आखिर तक राह देखनी पड़ती है।।

कितने भाई-बहन जुदा हुए है,
कितनों का संग करोना के दौर में छूटा है।
माना दूर नही है वो यादों से मगर,
बिछड़ों को याद कर, ह्रदय द्रवित हो जाता है।।

स्वरचित रचना
भगतसिंह,
 द्वारका, नई दिल्ली

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1 Comments

Author sid

22-Aug-2021 05:46 AM

👍👍👍

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